आज अगर अपने देश भारत में भारतीय जीवन पद्धति की रक्षा व उसमें व्याप्त बुराईयों को दूर करने के लिए हिन्दू समाज की प्रेरणा के स्रोत परम पूजनीय गुरूओं द्वरा स्थापित संप्रदाय से सबन्धित सिख भी अपनी अलग पहचान पर जोर दे रहे हैं तो यह बहुत ही चिन्ता का विषय है क्योंकि यह इस हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक देशद्रोही गिरोह द्वारा भारत को सदियों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ कर हिन्दुओं सिखों का खून बहाने वाले ईसाईयों व मुसलमानों को खुश करने के लिए बहुसंख्यक हिन्दुओं पर ढाये गये असहनीय अत्याचारों का ही असर है । अपने देश भारत में आज अल्पसंख्यकवाद व धर्मनिर्पेक्षता के नाम पर हिन्दुओं को मानसिक, सारीरिक व आर्थिक रूप से जिस तरह वंचित व प्रताड़ित किया जा रहा है ऐसे हालात में कौन जागरुक हिन्दू चैन से बैठ सकता है ?
· आज अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और हिन्दू हैं तो एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने पर आपकी नौकरी जा सकती है पर अगर आप मुसलमान हैं तो चाहे चार-चार शादियां करो !
इस नियम की वजह से आज तक कई हिन्दू सरकारी कर्मचारी इस्लाम अपना चुके हैं जिसका सबसे बढ़ा प्रमाण तब मिलता है जब कांग्रेस का एक उपमुख्यमन्त्री व एक सेवादल प्रमुख हिन्दुओं पर लागु प्रतिबंध से बचने के लिए इस्लाम अपनाकर दूसरी शादी करते हैं ।
जो लोग खुद को सैकुलर बोलते हैं वो वास्तव में सैकुलर नहीं हिन्दुविरोधी हैं और इसी हिन्दूविरोध के चलते ये गद्दार ऐसे नियम बना चुके हैं व बना रहे हैं जिससे देश में हिन्दू विरोधी हालात की वजह से हिन्दू हर तरह से प्रताड़ित हो रहे हैं ।
· अगर आप हिन्दू हैं तो आपके द्वारा हिन्दू धर्म का प्रचार प्रसार व जिहादी आतंकवाद का विरोध सांप्रदायिकता है पर मुस्लिम होने पर चाहे आप इस्लाम के बहाने जिहादी आतंकवाद का प्रचार प्रसार करो या शहीदों का अपमान करो या फिर देशभक्तों का खून बहाओ सब आपका अधिकार है !
· अगर आप हिन्दू हैं तो दो से ज्यादा बच्चे करने पर आप कई जगह चुनाव के अयोग्य ठहराये जा सकते हैं पर मुस्लिम होने पर चाहे आप जितने चाहो उतने बच्चे करो मतलब चाहे आप 50 बच्चे पैदा करो आपको खुली छूट है आपका हौसला बना रहे इसके लिए गुलाम प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने घोषणा कर रखी है कि उनकी सरकार मुस्लिमबहुल जिलों का विकास करेगी क्योंकि हिन्दुबहुल जिलों से इस हिन्दुविरोधी सरकार को हिन्दूक्रांति का डर सताता है !
· अगर आप हिन्दू हैं और आप पर अल्पसंख्यक बोले तो ईसाईयों व मुसलमानों द्वारा हमला बोल दिया जाए और आप मार खाने या मरने के बजाए विरोध करें तो अल्पसंख्यक व मानवाधिकार आयोग अल्पसंख्यक की रक्षा का प्रश्न उठाकर सरकार पर दबाव बनाकर आपको आजादी से जीने के अधिकार से वंचित कर सकते हैं।
अगर इतने से काम न चले तो तालिबानी मीडिया का उपयोग कर देश विदेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं ऐसा चिला- चिलाकर दुष्प्रचार कर हिन्दुविरोधी माहौल बनाकर माननीय न्यायालय में झूठे साक्ष्य देकर आपकी जिन्दगी को खत्म भी करवाया जा सकता है।
पर मुस्लिम होने पर चाहे आप हिन्दुओं को हलाल कर हिन्दुओं का नामोनिशान मिटा दो (जैसे कश्मीर में मिटाया व बाकी जगह हिन्दुबहुल क्षेत्रों में बम्ब विस्फोट कर कोशिश चल रही है),हिन्दुओं को जिन्दा जला दो, ये हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक देशद्रोही गिरोह आपका पूरा सहयोग करेगा सैकुलर सरकार आपको बिशेष आर्थिक पैकेज देगी और जरूरत पड़ने पर आपको माननीय न्यायालय द्वारा सुनबाइ गई सजा को रोककर आम मुसलमानों को भी आपका सहयोग करने को प्रेरित करेगी ।
· अगर आप हिन्दू हैं और मन्दिर निर्माण की बात करते हैं तो ये हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक देशद्रोही गिरोह सबाल उठाएगा कि इतने लोग भूख से मर रहे हैं और आप मन्दिर की बात कर रहे हैं ।आप गरीब विरोधी हैं । अपने देश के अन्दर ही धार्मिक यात्रा के लिए तरह तरह के नाम देकर पैसे बसूले जांएगे ।
लेकिन अगर आप मुसलमान हैं तो यही गिरोह आपको हज यात्रा के लिए 50000 रूपये प्रति मुसलमान प्रतिवर्ष देगा और यहां तक कि माननीय न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को भी नहीं मानेगा । जेरूसलम की यात्रा के लिए भी 80000 रूपये प्रति ईसाई देगा।
पता है क्यों ? क्योंकि ऐसा करने से शेखों व धर्मांतरण के ठेकेदारों द्वारा डाले गये टुकडों से इस गिरोह की अपनी गरीबी दूर होती है ।
· अगर आप हिन्दू हैं और संगठित होने के लिए कोई संगठन बनाते हैं तो ये हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक देशद्रोही गिरोह आपके संगठनों के विरूद्ध तरह-तरह के षडयन्त्र रच कर उन्हें बदनाम करने का हर सम्भव प्रयत्न करेगा उन पर प्रतिबन्ध लगाने की कोशिश करेगा। पर अगर आप ईसाई या मुसलमान हैं तो फिर आपके संगठनों को हर तरह का सहयोग देना इस गिरोह का पहला कर्तव्य है। चाहे आप ईसाई या मुसलमान आतंकवादी संगठन ही क्यों न बनायें।
· अगर एम एफ हुसैन जैसे मुसलमान हिन्दू देवी देवताओं को अपमानित करने के लिए उनकी नंगी तसबीरें बनाते हैं, हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं देशभक्तों को चिड़ाने के लिए भारत माता की नंगी तसबीरें बनाते हैं तो ये सैकुलर हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक देशद्रोही गिरोह इसे अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता बताकर व ऐसे गद्दारों को इनाम देकर जले पर नमक छिड़कने का काम करता है और ठीक उसी वक्त डेनमार्क में जब एक ईसाई द्वरा हजरत मुहम्मद को हाथों में बम्ब उठाकर गैर मुस्लिमों का खून बहाते हुए एक आतंकवादी के रूप में दिखाया जाता है तो यही गिरोह इसे मुसलमानों की भावनाओं से खिलबाड़ बताकर कार्टून बनाने वाले के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग उठाता है। मतलब मुसलमानों की भाबनाये भावनायें और हिन्दुओं की भावनायें अपराध !
· जब हिन्दूसंगठन देश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरूद्ध आवाज उठाते हैं तो उन्हें सांप्रदायिक कहकर अपमानित कर उनकी आवाज को दबाने का प्रयत्न किया जाता है प्रतिबन्ध की धमकी देकर उन्हें इस हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक देशद्रोही गिरोह की असलिएत जनता के सामने उजागर करने से रोकने का प्रयत्न किया जाता है पर इस गिरोह को हरबार मुँह की खानी पड़ती है क्योंकि देशभक्तों के ऊपर देशद्रोहियों को बचाने के लिए दबाव बनाना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है।
अगर आप सन्त हैं और हिन्दुत्व की बात करते हैं हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरूद्ध हिन्दुओं को संगठित करते हैं तो आपकी हत्या करवाई जाती है आपको सांप्रदायिक माना जाता है आपको जेल में डाला जाता है आपको आतंकवादी कहा जाता है पर आप ईसाई पोप हैं तो आपके मरने पर राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है !
· आज देशभक्त हिन्दुओं के पैसे का दुरूपयोग कर ईसाई शिक्षा संस्थानों को इतनी अधिक ब्याबसायिक सीटें दी जा चुकी हैं कि वो जाली ईसाई होने का प्रमाण पत्र बनाकर ये सीटें लाखों रूपय में इन वयावसायिक कोर्सों से वंचित हिन्दुओं को बेच रहे हैं ! सरकारी नौकरियों में कार्यरत हिन्दू अध्यापकों को ईसाई संस्थानों में बच्चों को भेजने पर 50000 रूपये देने का प्रलोभन दिया जाता है ।
· भारत में हिन्दू धर्म की शिक्षा को सांप्रदायिकता का नाम देकर विरोध किया जाता है जबकि मदरसों में कुरान व हदीस की हिंसक आयतों को पढ़ाकर हिन्दुविरोधी-देशविरोधी सोच का निर्माण ठीक ढंग से चला रहे इसके लिए सरकार बढ़चढ़कर आर्थिक सहायता देती है ईसाईयों द्वारा ईसाई स्कूलों में बाइबल पढ़ाने के बहाने हिन्दू धर्म की निंदा करने का भी न केवल समर्थन किया जाता है बल्कि आर्थिक सहायता भी दी जाती है वह भी हिन्दुओं से लिए टैक्स से।
· अगर आप हिन्दु विद्यार्थी हैं तो आपको कर्ज लेने के लिए 13% ब्याज के साथ-साथ 15% मार्जिन मनी भी देना पड़ेगा पर आप मुस्लिम विद्यार्थी हैं तो आपको सिर्फ 3% ब्याज देना पड़ेगा और मार्जिन मनी का तो सवाल ही पैदा नहीं होता सरकार आप पर 100% मेहरवान है।
· कुल मिलाकर हिन्दू संस्कृति को बदनाम कर भारतीय सभ्यता और संस्कृति को बर्बाद करने के लिए वो सब किया जाता है जो औरंगजेब जैसे मुसलमानों और डायर जैसे ईसाईयों के गुलामीकाल में किया गया । कैसे कहें कि देश आजाद है ?
पहले हिन्दू मुस्लिम जेहादीयों व धर्मांतरण के ठेकेदार ईसाई सम्राज्यवादियों का गुलाम था अब हिन्दुविरोधी सैकुलर गद्दारों का ।
· देश में हर बड़े पद पर मुसलमान या ईसाई को पहुँचाने का जरूरत से ज्यादा प्रयत्न कर हिन्दुओं को इन पदों से वंचित करने का लगातार षड़यन्त्र रचा जाता है इसी का परिणाम है कि देश में 80% हिन्दू जनसंखया होने के बावजूद देश हिन्दुओं को जिहादियों व धर्मांतरण के ठेकेदारों के हमलों से बचाने में सफल नहीं हो पा रहा है। क्योंकि ऊंचे पदों पर उनके समर्थकों के बैठे होने की वजह से इन आतंकवादियों के विरूद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं की जा सकती है ।
इन्हीं के प्रभाव के चलते सरकार जिहादियों व धर्मांतरण के ठेकेदारों की रक्षा के लिए ज्यादा आतुर नजर आती है । मुस्लिम जेहादियों के हिन्दूमिटाओ-हिन्दूभगाओ अभियान में कोई रूकाबट न आ जाये इसलिए सुरक्षाबलों में हिन्दुओं को हटाकर मुस्लिमों की संख्या बढ़ाने की बकालत की जाती है।
हम सिखों की बात करने लगे थे पर देश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों व उनसे किए जा रहे भेदभाव से पैदा हो रहे दुःख व क्रोध ने आ घेरा और सहज ही ये घटना दिलोदिमाग पर छा गई । ये घटना उस वक्त की है जब जिहादी राक्षस औरंगजेब हिन्दुओं पर कहर बरपा रहा था, मन्दिर तोड़े जा रहे थे, मां बहन बेटियों की इज्जत से खिलबाड़ किया जा रहा था।
तभी हिन्दुओं का एक समूह कृपा राम जी की आगुबाइ में पटना में गुरू तेगबहादुर जी के पास पहुँचा व उनसे जिहादी राक्षस औरंगजेब के अत्याचारों से बचाने की गुहार लगाई और गुरू जी को बताया कि इस राक्षस ने हिन्दुओं को इस्लाम या मौत में से किसी एक को चुनने की धमकी दी है। इस राक्षस के समर्थकों का समूह जहां भी पहुँच रहा है वहां पर हिन्दुओं पर हर तरह के अत्याचार ढाने के बाद उनको हलाल किया जा रहा है जब ये सब कुछ हिन्दू गुरू तेगबहादुर जी को बता रहे थे उस वक्त उनका बेटा जो कि अभी बहुत छोटा था ये सब सुन रहा था तभी गुरूजी ने उन हिन्दुओं को उत्तर दिया कि हमारे पास कोई सेना तो है नहीं जो हम उस दुष्ट राक्षस से युद्ध कर सकेँ फिर भी आप मेरे पास आए हैं तो हम आपकी सहायता तो जरूर करेंगे । आप उस जिहादी राक्षस औरंगजेब से जाकर कह दो कि हमारा एक गुरू है गुरू तेग बहादुर जी अगर वो अपना धर्मबदल कर इस्लाम अपना ले तो हम सभी एक साथ इस्लाम अपना लेंगे ।
जब हिन्दुओं ने यही सबकुछ जाकर उस जिहादी राक्षस औरंगजेब को बताया तो उसे ये जानकर आश्चर्य हुआ कि कोई धर्मजागरण का काम करने वाला व्यक्ति उस जैसे राक्षस को इस तरह ललकार सकता है ।क्योंकि वो एक कठमुल्ला था ।गुरू जी के अलौकिक ताकत व धैर्य को समझना उसके बस से बाहर था।
इस बीच गुरू जी ने अपने योग्य पुत्र गोविन्द राय जी को गुरूपद देकर स्थापित कर दिया और स्वंयम धर्मजागरण का काम करते हुए दिल्ली की ओर निकल पड़े। कुछ ही दिनों बाद उस राक्षस के जिहादी सैनिक गुरू तेगबहादुर जी को आगरा से गिरफ्तार कर दिल्ली ले गए । दिल्ली में गुरूजी को हर तरह से सत्ताया गया। असहनीय कष्ट दिए गये ।
इन जिहादी राक्षसों द्वारा गुरू जी पर ढाए गए जुल्मों को ब्यान करना हमारे जैसे आम हिन्दू के बस की बात नहीं क्योंकि उन जुल्मों के बारे में सुनते ही किसी भी आम व्यक्ति के या तो प्राण निकल जांयें या वो सब कुछ भूल कर इन जिहादी राक्षसों के वंशजों ब उनके समर्थकों का नामोनिशान मिटाने निकल पड़े । आप जरा गुरू तेगबहादुर जी के बारे में सोचें जिन्होंने ये सबकुछ सहा और अपने धर्म पर टिके रहे अन्त में गुरू जी हिन्दू धर्म की रक्षा की खातिर इन जिहादी राक्षसों के जुल्मों को सहते सहते अमर हो गए । अपने अंतिम सांस तक धर्म और राष्ट्र का काम करने वाले नवम गुरू तेगबहादुर जी ने सदियों से गुलामी की मार से अचेत हो चुके हिन्दूसमाज के अन्दर नई उर्जा का संचार किया ।
बलिदान की परम्परा की तो ये शुरूआत थी आगे चल कर गुरू तेगबहादुर जी के बेटे गुरु गुरूगोबिन्द सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की। अपने परिवार सहित धर्म की रक्षा की खातिर जिहादी राक्षसों से लोहा लेते रहे । गुरूगोबिन्द सिंह जी के दोनों छोटे बेटों शहीद जोरावर सिंह जी व शहीद फतेह सिंह जी को इन जिहादी राक्षसों नें सरहिन्द की दीवारों में चुनवा दिया । इन जिहादी राक्षसों ने गुरू गोबिन्द सिंह जी की माता जी को भी शहीद कर दिया । गुरू गोबिन्द सिंह जी भी अपने दोनों बड़े बेटों शहीद अजीत सिंह जी व शहीद जुझार सिंह जी सहित इन जिहादी राक्षसों के साथ धर्म की रक्षा की खातिर लड़ते-लड़ते शहीद हुए ।
अब सोचने वाला विषय ये है कि जो लोग इन गुरू साहिबान को सिर्फ सिखों के गुरू बताते हैं क्या वो सही हैं नहीं बिल्कुल नहीं ये गुरू साहिबान न केवल सिखों के बल्कि पूरे हिन्दू समाज के गुरू हैं, सब भारतीयों के गुरू हैं और जो भी इन्हें गुरू मानने से इन्कार करता है उसे इस देश में रहने का कोई अधिकार नहीं ।
सोचने वाला विषय यह भी है कि इतने बलिदानों के बावजूद ये हिन्दू समाज इन आदमखोर अल्लाह के राक्षसों का नामोनिशान मिटाने में क्यों असफल रहा । वजह बहुत साफ है जिस तरह आज 20वीं और 21वीं शताब्दी में भारतीय सभ्यता और संस्कृति का प्रचार प्रसार कर हिन्दूराष्ट्र भारत में धर्म की रक्षा के लिए संघर्षरत हिन्दुओं व उनके संगठनों पर मुस्लिम जिहादियों व धर्मांतरण के ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे हमलों का खुल्लम-खुल्ला समर्थन व सहयोग कर ये हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक सैकुलर गिरोह हिन्दूसमाज को दगा दे रहा है ठीक इसी तरह हर शताब्दी में कोई न कोई सैकुलर गद्दार जयचन्द के रूप में जन्म लेकर हिन्दूसमाज को दगा देता रहा ।
प्रश्न यह भी पैदा होता है कि जिन सिखों ने धर्म की रक्षा के लिए पानी की तरह अपना खून बहाया,जिन सिखों के साथ हिन्दुओं का रोटी-बेटी का रिश्ता है,जिन हिन्दुओं-सिखों का खून एक है जिनके गुरू एक हैं जिनके पूर्वज एक हैं उनके बीच के खून के रिश्तों को आग किसने लगाई ?
कौन लगा सकता है इस हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक सैकुलर गिरोह के सिवा । जी हां इसी गिरोह के एक ऐसे सहयोगी जिसकी स्थापना एक विदेशी अंग्रेज द्वारा हिन्दुओं को आपस में लड़वाकर विदेशियों का हित साधने के लिए की । जो आज भी भारत को एक विदेशी का गुलाम बनवाकर हिन्दुओं को आपस में लड़वाने के लिए हर तरह के षड्यन्त्र रच रहा है। जिस तरह आज महाराष्ट्र में शिवसेना को कमजोर करने के लिए कांग्रेस ने राज ठाकरे को आगे बढ़ाकर मराठी गैर मराठी के नाम पर हिन्दुओं को आपस में लड़वा दिया ठीक इसी तरह 80 के दशक में पंजाब में अकालियों को कमजोर करने के लिए कांग्रेस ने भिंडरावाले को आगे बढ़ाकर हिन्दू-सिखों को आपस में लड़वा दिया था।
जो कसर रह गई थी वो इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेसियों व उनके सहयोगी मुस्लिम गुंडो द्वारा सिखों के कत्ल कर पूरी कर दी गई । सिखों में अलगाववादी तत्वों द्वारा कांग्रेसियों द्वारा किए गये कत्लेआम के लिए हिन्दुओं को जिम्मेवार ठहराकर हिन्दुओं व उनके संगठनों के कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार कर कोंग्रेसियों के षड़यन्त्र को काफी हद तक सफल होने का मौका दिया ।
ये तो भला हो गुरू साहिबान के उन सच्चे सिखों का जिन्होंने मुसीबत की इस धड़ी में गुरूओं की शिक्षाओं को न भुलाकर और उन हिन्दुओं व उनके संगठनों का जिन्होंने गुरू साहिबान के द्वारा हिन्दूधर्म की खातिर किए गये बलिदान का कर्ज चुकाकर हिन्दुओं व हिन्दू कार्यकर्ताओं का कत्ल होने के बावजूद न खुद सिखों पर हमला किया न हमलों का समर्थन किया और जहां तक सम्भव हो सका अपने खून के रिश्ते की लाज रख सिखों को बचाया।
यदि कांग्रेस सिखों को कमजोर करने के लिए भिंडरावाला पैदा न करती तो न आपरेशन बल्यूस्टार होता न इन्दिरा जी का कत्ल होता न दंगे होते न हिन्दू-सिखों में अविश्वाश बढ़ता । पर इस कांग्रेस को कौन समझाय कि जो दूसरों के लिए गड्डा खोदता है उसके लिए कूँआ पहले ही तैयार होता है ।
सिखों को भी समझना चाहिए कि जैसे इंदिरा का कत्ल होने के बाद सिखों का खून बहाया गया घर जलाए गये ठीक इसी तरह मोहन दास जी की हिन्दुविरोधी नीतियों के परिणामस्वरूप उनका कत्ल होने के बाद इसी कांग्रेस ने हिन्दुओं के ऊपर हमले किए थे, उनके घर जलाए थे । इस लिए कांग्रेस न केवल सिखों की बरबादी का कारण है बल्कि हिन्दुओं की बरबादी के लिए भी जिम्मेवार है । सिखों पर तो इन कांग्रेसियों ने सिर्फ एक बार हमला बोला था हिन्दुओं पर तो ये हमला आज तक जारी है ।
छतीसिंहपुरा में मुस्लिम जिहादयों द्वारा सिखों का कत्ल
अब हिन्दूसिखों को यह समझना चाहिए कि सिख हिन्दुओं की जरूरत हैं और हिन्दू सिखों की जरूरत हैं जिस तरह महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, महारानी लक्ष्मीबाई जैसे क्राँतिकारी धर्म की रक्षा के लिए लड़ते लड़ते शहीद हुए ठीक उसी तरह गुरू अर्जुन देव जी, गुरू तेगबहादुर जी, गुरू गोबिन्द सिंह जी व उनके बेटे भी धर्म की रक्षा की खातिर लड़ते लड़ते शहीद हुए । शत्रु भी सबका एक ही था आज भी है वो है मुस्लिम जिहादी आदमखोर अल्लाह का विचार और इस विचार के समर्थक व उसके सहयोगी ये सैकुलर गद्दार।
हम सबने देखा कि किस तरह कश्मीर घाटी में भी हिन्दू सिख इस जिहादी मानसिकता का एक साथ शिकार हुए। इस देशद्रोही गिरोह के षड्यन्त्रों में फंसकर सारे भारत के हिन्दू-सिख एक साथ संगठित होकर युद्ध करने के बजाए आपस में छोटी-छोटी बातों पर बंटकर इस मुस्लिम जिहादी आदमखोर मानसिकता का काम आसान बनाते रहे । कामोबेश यही स्थिति सारे भारत में दिख रही है ।
हम तो कहते हैं अभी भी देर नहीं हुई है हम सब हिन्दूसिखों को एक साथ मिलकर इन मुस्लिम जिहादियों व उनके समर्थक इन धर्मनिर्पेक्षतावादियों का नामोनिशान इस गुरूओं की भूमि भारत से मिटाने के लिए अखिलभारतीय स्तर पर क्राँति का सूत्रपात कर खालसा पंथ के मूल उदेशय को पूरा करने की राह पर निकलना चाहिए। अन्यथा हम सब के साथ सारे भारत में वही होगा जो कश्मीर घाटी में हुआ ।
आज कश्मीर घाटी के वो जिहादी जो कश्मीर घाटी में हिन्दुओं व सिखों पर हुए अत्याचारों के गुनाहगार हैं। सारे भारत में किसी न किसी काम का बहाना लेकर बेखौफ घूम रहे हैं। मुस्लिम जिहादी आदमखोर मानसिकता व गोला बारूद का बिस्तार सारे भारत में कर रहे हैं। बेसमझ हिन्दू-सिख उनको उनके किए की सजा देने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और हिन्दुओं-सिखों व सैनिकों के खून से लथपथ समान खरीदकर इन जिहादियों को और ताकतवर बना रहे हैं । इससे बड़ी बेवकूफी और क्या हो सकती है ?
जागो ! हिन्दू जागो !
अफगानिस्तान पाकिस्तान बांगलादेश सब हिन्दुविहीन हो गए।
अब कश्मीर आसाम को हिन्दुविहीन घोषित करने की तैयारी है।।
आज जिहादी हमलों में वो घरबार परिवार सहित मारे गए।।।
कल हमारी फिर हमारे बच्चों को मारने की तैयारी है।।।।
जिस तरह सिखों का इतिहास धर्म की रक्षा के लिए किए गए बलिदानों से भरा पड़ा है ठीक इसके विपरीत जिहादी मुसलमानों का इतिहास हिन्दुओं-सिखों पर किए गये अत्याचारों व इस देव भूमि भारत से धर्म का नामोनिशान मिटाकर मुस्लिम जिहादी आदमखोर अल्लाह का राक्षसी राज्य स्थापित करने के दुस्साहसों से भरा पड़ा है !
फिर क्या वजह है कि जो कांग्रेसी उन सिखों का खून बहाने व उन क्राँतिकारियों का अपमान करने का पाप करतें हैं जिनकी कुरबानियों की वजह से हिन्दू आज तक इन जिहादी राक्षसों का शिकार होने से बचे हैं व अपनी सभ्यता संस्कृति को बचाने में कुछ हद तक सफल हुए हैं।
पर वही काँग्रेसी उन जिहादी राक्षसों के लिए हिन्दुओं का खून बहाने के लिए तैयार हो जाते है जो अगर बाकी हिन्दुओं को मारने में सफल हो जाते हैं तो अंत में इन कांग्रेसियों को भी नही छोड़ेंगे ।
क्या इन जिहादी राक्षसों ने कश्मीर में हिन्दुओं को हलाल करते वक्त उन सैकुलर हिन्दुओं को छोड़ दिया जो हर वक्त हर हाल में इन जिहादियों को आगे बढ़ाने के लिए आतुर नजर आते हैं ? नहीं न ।
आज भारत में जम्मू-कश्मीर ही एकमात्र राज्य है जिसमें मुसलमान निर्णायक स्थिति के करीब हैं ये धर्मनिर्पेक्षता का ड्रामा करने वाले जोकर जरा देश को बताएँ कि आज तक हिन्दुओं का कत्लेआम करने वाले कितने जिहादियों को प्रशासन द्वारा फाँसी पर लटकाया गया व कितने सैनिकों व हिन्दुओं को इन जिहादियों ने शहीद किया और 60 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आज तक कोई हिन्दू क्यों मुख्यामन्त्री न बन पाया या फिर इनकी भाषा में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक होने के नाते क्या विशेषाधिकार प्राप्त हैं ।
ये नहीं बता सकते, हम बताते हैं उनको सिर्फ एक विशेषाधिकार प्राप्त है और वह है जिहादियों की इच्छा अनुसार हलाल होने का वो भी इन सैकुलर गद्दारों द्वारा भारतीय सेना की कार्यवाही के ऊपर तरह-तरह के अंकुश लगा देने की वजह से । यही अंकुश सैनिकों के शहीद होने की बढ़ रही संख्या का भी प्रमुख कारण वन रहे हैं ।
एक तरफ ये गिरोह सेना के ऊपर अंकुश लगाकर देशद्रोहियों का हौसला बढा रहा है दूसरी तरफ मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैलाकर सेना को बदनाम करने के षड्यन्त्र रच रहा है।तीसरी तरफ देशविरोधी मानवाधिकार संगठनों द्वारा आतंकवादियों के मानवाधिकारों का प्रश्न उठाकर सैनिकों पर आतंकवादियों को न मारने के लिए दबाव वनाया जा रहा है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि सेना ने देश की रक्षा करने की कसम उठाई है न कि गद्दारों द्वारा सेना पर लगाय जाने वाले अंकुशों की वजह से बिना लड़े इन जेहादायों के हाथों मरने की !
यह वही गिरोह है जो सत्ता में आते ही सेना को भी अपनी हिन्दुविरोधी मुहिम में शामिल करने के लिए सेना में मुसलमानों की गिनती करने का आदेश देता है जिसे देशभक्त सेना विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर इस हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक गिरोह के देशविरोधी षड्यन्त्र को असफल कर देती है ।
यही दुस्साहस यदि किसी मुस्लिम या ईसाईबहुल देश में किया जाता तो बहाँ की सेना तख्तापलट कर ऐसे देशद्रोहियों को फांसी पर लटकाकर प्रशासन अपने हाथ में ले लेती । ये तो भारतीय सेना के संयम की इंतहा है कि सेना ने ऐसा दुस्साहस करने वाले इस देशद्रोही गिरोह को बख्श दिया । वरना आज तक देश के बिभिन्न हिस्सों में सिर उठा रहे गद्दारों व देश की रग-रग को खोखला करने में लगे भ्रष्टाचारियों के होश ठिकाने आ गए होते।
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