Saturday, 4 December 2010

मन्दिर निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन मन्दिर का प्रारूप 270 फीट लम्बा, 135 फीट चौड़ा और 125 फीट ऊंचे शिखर वाला मंजूर हुआ। मन्दिर दो मंजिला है, पहली मंजिल पर रामलला और दूसरी मंजिल पर राम दरबार गर्भगृह में रहेंगे। राजस्थान के भरतपुर जनपद के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र का हल्के गुलाबी रंग का बलुआ पत्थर मन्दिर निर्माण के लिए चयन किया गया। अयोध्या में प्रस्तावित भव्य मंदिर निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। प्रत्येक मंजिल में 106 खम्भे हैं।


मन्दिर निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन
मन्दिर का प्रारूप 270 फीट लम्बा, 135 फीट चौड़ा और 125 फीट ऊंचे शिखर वाला मंजूर हुआ। मन्दिर दो मंजिला है, पहली मंजिल पर रामलला और दूसरी मंजिल पर राम दरबार गर्भगृह में रहेंगे। राजस्थान के भरतपुर जनपद के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र का हल्के गुलाबी रंग का बलुआ पत्थर मन्दिर निर्माण के लिए चयन किया गया। अयोध्या में प्रस्तावित भव्य मंदिर निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। प्रत्येक मंजिल में 106 खम्भे हैं।

तत्पश्चात् श्रीराम जन्मभूमि पर खड़े तीन गुम्बदों वाले पुरने जर्जर ढांचे के स्थान पर भव्य मन्दिर बनाने का चिन्तन प्रारम्भ हुआ। कर्णावती (अहमदाबाद) निवासी, मन्दिर वास्तुविद् (Temple Architect) चन्द्रकान्त भाई सोमपुरा की खोज हुई। मन्दिर के अनेक प्रारूप बने, एक प्रारूप स्वीकार हुआ। मन्दिर का प्रारूप 270 फीट लम्बा, 135 फीट चौड़ा और 125 फीट ऊंचे शिखर वाला मंजूर हुआ। मन्दिर दो मंजिला है, पहली मंजिल पर रामलला और दूसरी मंजिल पर राम दरबार गर्भगृह में रहेंगे। राजस्थान के भरतपुर जनपद के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र का हल्के गुलाबी रंग का बलुआ पत्थर मन्दिर निर्माण के लिए चयन किया गया। अयोध्या में प्रस्तावित भव्य मंदिर निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। प्रत्येक मंजिल में 106 खम्भे हैं। प्रथम तल के खम्भों की ऊचाई 16.5 फीट है और दूसरी मंजिल के खम्भों की ऊचाई 14.5 फीट है। प्रत्येक मंजिल में 185 बीम लगेंगे, यह भी पत्थर के ही होंगे। बीम की अधिकतम लम्बाई 16 फीट है। मन्दिर में सफेद संगमरमर की चौखट में लकड़ी के दरवाजे लगेंगे।

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