Saturday 22 January 2011

हमारे राजनेता ( गलती से ये सही वर्त्तमान के मंत्री पदाशीन राष्ट्रीय नेता), इस समय आतंकवादियों से भी भयंकर रोल ये निभा रहे है, या ये कहें कि देश कि समस्या व आतंकवाद के प्रसोता बनकर अपने ही देश के नागरिकों को डरा रहे हैं,

देश -समस्याएं व राजनेता

इस देश में वर्त्तमान में कितनी समस्याएं हैं इनको गिनाया जाय तो यह पोस्ट नहीं लिखी जा सकती आखिर समय भी कोई चीज होती है भाई ! लेकिन उससे कमाल कि बात कुछ और है और वह है हमारे राजनेता ( गलती से ये सही वर्त्तमान के मंत्री पदाशीन राष्ट्रीय नेता), इस समय आतंकवादियों से भी भयंकर रोल ये निभा रहे है, या ये कहें कि देश कि समस्या व आतंकवाद के प्रसोता बनकर अपने ही देश के नागरिकों को डरा रहे हैं,

इसमे पहला नाम आता है हमारे प्रधानमंत्री जी का ( वे लोग क्षमा करें जो इनको प्यार करते हैं, देश का प्रधानमंत्री चाहे वो कोई भी हो मै उसका सम्मान करता हूँ किन्तु मै प्रजा हूँ इसलिए चुप नहीं रह सकता) वो आजकल इस देश को डराते फिर रहें हैं कि इस देश में आतंकवादी घटनाएँ हो सकती हैं ऐसी पुख्ता सूचना है,( कमाल है इतनी पुख्ता सूचना होने के बाद भी आप कुछ न करके जनता को डराने का ही काम कर रहे है, ) अगर आपका आतंकवाद से लड़ने का यही नजरिया है तो आपको ये चुनाव से पहले जनता को बताना चाहिए था सायद जनता ही अपनी रक्षा के लिए कुछ कर लेती.
दूसरा नाम आता है कांग्रेस के साथ लिव इन रिलेशनसिप रखने वाले माननीय शरद पवार जी का . आज जब पूरा देश कहीं सुखा तो कही बाढ़ की मार झेल रहा है तो आप कह रहे हैकि अनाज की कीमते और बढेंगी और आकडे ये बता रहे हैं की देश में अनाज का भण्डारण पर्याप्त है .
तीसरे हमारे गृह मंत्री जी इस कमरतोड़ महगाई से इस देश को निजात दिलाने की पहल करने के बजाय लोगों को डरा रहे हैं की महगाई तो अभी और बढेगी,
अरे देश के कर्णधारों क्या चुनाव से पहले तुमने यही वादे किये थे या जनता को ये समझाना चाह रहे हो की तुम कुछ नहीं कर सकते भोगविलास के अलावा जो करना है जनता ही करे!
इनके बारे में तो यही कहा जा सकता है कि
बरबाद गुलिस्ता करने को बस एक ही उल्लू काफी था,
हर डाल पे उल्लू बैठें हैं अंजामे गुलिस्तां क्या होगा.

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