Sunday 12 December 2010

जप और हवन द्वारा समाधान संभव है


जप और हवन द्वारा समाधान संभव है

 सुख, संपत्ति , ऐश्वर्य   का 

जाप और हवन कब और क्यूँ करवाना चाहिए :


1) जाप और हवन 2 कारणों से किये या कर्वाये जाते हैं गृह शान्ति के लिए या फिर ग्रहों कि शक्ति प्राप्त करने के लिए.

2) अगर कोई ग्रह नीच का होके बैठा हो या शत्रु राशि का बैठा हो या ऐसे किसी ग्रह कि दशा चल रही हो जिससे नुकसान हो रहा हो , बीमारी लगी हुई हो या मानसिक परेशानी बनी हुई हो तो ऐसे में ग्रह शान्ति का प्रयोग किय जाता है जिसमे संबंधित ग्रह के मंत्रों का जाप करके, हवन करके या करवाके उचित सामग्रियों का दान किय जाता है जिससे कि ग्रह शांत होके हमारे जीवन में सकारात्मक प्रभावअ उत्पन्न करते हैं .

3) जब कोई ग्रह हमारि कुंडली में अच्छा हो परन्तु बलहीन हो तो उस समय उस ग्रह का जाप शान्ति के लिए नहीं बल्कि इसलिए किया जाता है कि उससे संबंधित शक्ति प्राप्त किया जा सके . 

मंगल दोष के परिणाम 

 1) ऐसा क्यूँ होता है की व्यापार अच्छा चलते चलते अचानक रुक जाता है.


2) ऐसा क्यूँ होता है की घर में सबसे सुंदर कन्या का ही विवाह नहीं हो पाता है. सभी खूबी होने के बावजूद

3) ऐसा क्यूँ होता है कि बहुत पड़ने के बाद भी नम्बर अच्छे नहीं आते.

4) ऐसा क्यूँ होता है कि अच्छी Education करने के बाद भी नौकरी नहीं मिलती है.

5) ऐसा क्यूँ होता है कि बहुत पैसा होने के बाद भी सुख नहीं मिलता है.

6) ऐसा क्यूँ होता है कि खाने को सब कुछ होने के बावजूद भूख नहीं लगती हैं

7) ऐसा क्यूँ होता है कि घर होने के बावजूद भी घर का सुख नहीं मिल पाता है .

8) ऐसा क्यूँ होता है कि परिवार होते हुए भी पारिवारिक सुख नहीं मिल पता है

9) ऐसा क्यूँ होता है कि नौकर टिकटें ही नहीं है .


ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब हम सब जानना चाहते हैं परन्तु इन सवालों का जवाब हम सिर्फ़ ज्योतिष शाश्त्र से ही जान सकते हैं. कौन से ग्रह किस अवस्था में है और उसके कारण हम क्यूँ परेशान हैं ये सिर्फ़ एक अनुभवी ज्योतिष या वास्तुविद ही बता सकता है 


कालसर्प दोष के कुछ नए पहलू को जानिये ..............

क्या आप जानते हैं :
1) 3456 प्रकार के कालसर्प दोष कुंडली में पाये जाते हैं
2) 14 प्रकार के श्राप कुंडली में होते हैं जो कालसर्प दोष से भी ज्यादा नुकसान पहुँचते हैं. जिसमे पितृ दोष, प्रैट दोष, ब्राह्मण दोष, मातुल दोष, पत्नी दोष, सहोदर दोष, सर्प दोष प्रमुख हैं.
3) सभी कालसर्प दोष नुकसान नहीं पहुँचाते.
4) वट वृक्ष कि परिक्रमा करने से भी अनेक प्रकार के दोशोकि शान्ति होती है.
5) प्राण प्रतिष्ठित तांबे का नाग सही मुहूर्थ में शिव मन्दिर में चडाने से भी कालसर्प दोषों से राहत मिलती है.
कैसा भी दोष हो समाधान हो जाता है


कालसर्प दोष क्या होता है: जब सारे ग्रह(planets) राहु और केतू के बीच आ जाते हैं तो कुंडली में कालसर्प दोष बनता है. ये अनेक प्रकार केहोते है जिससे व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार कि समस्याये आ जाती हैं. जिसमे व्यक्ति उलझा रहता है जबतक कि कोई सही सलाहकार ना मिल जाए.
व्यक्ति मेह्तनट करता रहता है पर उसे उसका फल उतना नहीं मिलता है जितना मिलना चाहिए.
आइए देखें किस प्रकार कि समस्याये काल्सर्प दोष के कारण आती हैं:------------

1) व्यापारिक समस्याएँ..............व्यापार सही तरह से पनपता नहीं है

2) शादी कि समस्याएँ..................लड़के या लड़की कि शादी में तकलीफ आती है

3) बीमारी कि समस्याएँ.......................कोई न कोई बीमारी लगी रहती है

4) औद्योगिक समस्याएँ..............................उद्द्योग सही तरीके से नहीं चलता है

5) व्यक्तिगत समस्याएँ................................व्यक्ति ख़ुद अपने आप से असंतुष्ट रहता है

6) भाग्योदय कि समस्याएँ.................................भग्योदय नहीं होने के कारण कदम कदम पर समस्यम आती हैं

7) शिक्षा संबंधित समस्याएँ.........................................शिक्षा में भी पूरी नहीं होती या फिर बहुत बाधा आती है

8) मान सम्मान कि समस्याएँ...........................................समाज में जितना मान सम्मान मिलना चाहिए नहीं मिलता है

9) नौकरी कि समस्याएँ...................................................... नौकरी मिलने में परेशानी होती है, मिल जाए तो ऑफिस में कम मेंपरेशानी होती है.

आदि.....

कैसा भी दोष हो समाधान हो जाता है



कालसर्प दोष का समाधान:
ये दोष जीवन में हलचल मचा देता है अतः इसका समाधान जरूर करवा लेना चाहिये ताकि परेशानिया थोड़ी कम हो जाए.
इसका समाधान अनेक प्रकार से संभव है जैसे नियमित शिव आराधना, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, नव नाग स्त्रोत का जप, आदि..

विशेष विधि: कालसर्प दोष निवारण अनुष्ठान, नियमित सिद्ध काल्सर्प यंत्र का पूजन या दर्शन, कुछ विशेष पदार्थों का दान आदि....जो कि कुंडली देखने के पश्चात ही बताना संभव होता है.

सिद्ध महाकाली यंत्र को जाने और स्थापित करे

 कहाँ रख सकते हैं:

इसे आप घर में, दुकान में , फैक्ट्री में , ऑफिस में रख भी सकते हैं और दबा भी सकते हैं,

क्यूँ रखना चाहिये:
आज के इस Competition के युग में सफलता प्राप्त करना आसायन नहीं है , इसके लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं. कुछ लोग टोना तोत्का , भी करते हैं , कुछ लोगो कि बुरी नजर भी लगती है , और नकारात्मक शक्तिया भी परेशान करती हैं. इन सबसे बचाता है महाकाली यंत्र जिसमे महाशक्ति कि शक्ति रहती हैं, एक सिद्ध यंत्र के लगने से आपके घर, ऑफिस , दुकान, आदि कि सुरक्षा होती है और आप सफलता कि सिडिया चडने लगते हैं.

 

1) घर , मकान कि सुरक्षा बुरी नजर से , ऊपरी हवाओं से

2) दुकान कि सुरक्षा

3) फैक्ट्री की सुरक्षा

4) कोई अगर कुछ करे ग़लत प्रयोग तो वो भी असर नहीं करता .

5) हर क्षेत्र में सफलता , आमदनी बड्ना , नए रास्ते खुलना

6) नकारात्मक ऊर्जा द्वारा वास्तु दोष का शमन
आदि.....

 

 

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