Saturday 19 March 2011

होलिका दहन पर ग्रह अनुकूलन के उपाय

होलिका दहन पर ग्रह अनुकूलन के उपाय

होलिका दहन के शुभ मुहूर्त क ा निर्धारण भारतीय ज्योतिष शास्त्र द्वारा किया जाता है। होलिका दहन के समय हम किस दिशा में खड़े होकर कौन सी समिधा डालें इस बात की जानकारी रखें और इसी आधार पर होली पूजन करें तो नवग्रह अनुकूलन में बहुत ही सफलता प्राप्त होगी। द्वादश राशियों को किस दिशा, किस समिधा और किस पुष्प से एवं किस मिठाई को बांटना चाहिए इसकी जानकारी मैं यहाँ दे रहा हूँ। यह विशुध्द रूप से अथर्ववेद पर आधारित विशेषण है। इस विधि से पूजा करने पर जीवन में सुख-शांति अवश्य आएगी। वेदों तथा शास्त्रों में होलिका दहन से जुड़े विभिन्न तथ्यों पर विस्तृत चर्चा की गई है। जिनमें अथर्ववेद में नक्षत्रों के वर्णन के साथ ही प्रार्थना भी की गई है कि पूर्वा एवं उत्तराफाल्गुनी दोनों नक्षत्र मेंरे लिए सुखकारी हों। ध्यान देना होगा कि ज्योतिष शास्त्र अनंत तक से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी देता है। इसी शास्त्र के मौलिक नियमों को ध्यान में रखते हुए हम धन-धान्य की वृद्धि तथा परिवार के कल्याण के लिए अपनी राशि के अनुसार होलिका दहन के समय उपस्थित रहकर खड़े होने का स्थान चुन सकते हैं। फिर होलिका की तीन परिक्रमा कर व मिष्ठान वितरित कर इस उत्सव को ज्यादा सुखकारी बना सकते हैं। ध्यान रखना होगा कि सपरिवार शामिल होते समय परिवार के मुखिया की राशि को मान्यता दी जाती है। मेष:- इस राशि के जातक होलिका दहन के स्थल पर खैर या नीम की समिधा और लाल पुष्प व अक्षत लेकर होलिका की परिक्रमा करें और पूर्व (East) अथवा दक्षिण-पूर्व (South East)दिशा में खड़े होकर हाथ की सामग्री को होलिका में डाल दें तथा होलिका दहन के बाद गाजर का हल्वा वितरित करें।
वृषभ:- इस राशि के जातक गूलर की समिधा और मोगरे के फूल व अक्षत को हाथ में लेकर होलिका की परिक्रमा करने के बाद दक्षिण-पूर्व (South East) दिशा में खड़े होकर होलिका में सारी सामग्री डाल दें तथा होलिका दहन के बाद दूध-मावे से बने मिष्ठान्न बांटें।
मिथुन:- इस राशि के जातक होलिका दहन के समय अपामार्ग की समिधा और विभिन्न रंगों के पुष्प, अक्षत हाथ में लेकर होलिका की परिक्रमा करें एवं पश्चिम (West)अथवा दक्षिण-पश्चिम (South West)दिशा में खड़े होकर होलिका में सारी सामग्री डाल दें। होलिका दहन के बाद मूंग दाल का हल्वा बांटे।
कर्क:- इस राशि के जातक पलाश की समिधा और श्वेत पुष्प व अक्षत के साथ होलिका की परिक्रमा करें एवं उत्तर (North) अथवा उत्तर-पश्चिम (North West)दिशा में खडे होकर सारी सामग्री होलिका में डाल दें। होलिका दहन के बाद चावल से निर्मित मिष्ठान्न बांटे।
सिंह:- इस राशि के जातक होलिका दहन के समय आक व खेजरी शमी की समिधा और गुलाब के पुष्प व अक्षत हाथ में लेकर होलिका की परिक्रमा करें तथा पूर्व-दक्षिण (South East) में खड़े होकर सारी सामग्री होलिका में डालें। होलिका दहन के बाद केसर युक्त मिष्ठान्न वितरित करें।
कन्या:- इस राशि के जातक होलिका दहन के समय अपामार्ग की समिधा तथा पीले फूल व पत्तों समेत अक्षत लेकर परिक्रमा करें तथा दक्षिण दिशा (South)में खड़े होकर होलिका में सारी सामग्री डाल दें। होलिका दहन के बाद मूंग से बने पिस्ता युक्त मिष्ठान्न लोगों में बांटें।
तुला:- इस राशि के जातक होलिका दहन के समय गूलर की समिधा और श्वेत व सुगंधित पुष्प व अक्षत लेकर होलिका की परिक्रमा करें तथा पश्चिम दिशा (West)में खडे होकर होलिका में सारी सामग्री डाल दें। होलिका दहन के बाद नारियल से बने मिष्ठान्न वितरित करें।
वृश्चिक:- इस राशि के जातक होलिका दहन के समय खैर या नीम की समिधा के साथ लाल एवं सफेद अक्षत लेकर होलिका की परिक्रमा करें तथा उत्तर दिशा (North) में खड़े होकर होलिका में सारी सामग्री डाल दें। होलिका दहन के बाद छुहारे युक्त मिष्ठान्न का वितरण करें।
धनु:- इस राशि के जातक होलिका दहन के समय पीपल की समिधा और पीले कनेर के पुष्पयुक्त अक्षत लेकर परिक्रमा करें तथा पूर्व (East)अथवा ईशान दिशा (North East)में खड़े होकर होलिका में सारी सामग्री डाल दें। होलिका दहन के बाद चने के बेसन से बने मिष्ठान्न लोगों को वितरित करें।
मकर:- इस राशि के जातक होलिका दहन के समय शमी या कपास दण्ड की समिधा और काले या नीले पुष्पयुक्त अक्षत से होलिका की परिक्रमा करें तथा दक्षिण (South) अथवा पश्चिम (West)में खड़े होकर होलिका में सारी सामग्री डाल दें। होलिका दहन के बाद उड़द से बने मिष्ठान्न बांटे।
कुंभ:- होलिका दहन के समय इस राशि के जातक शमी अथवा जामुन की समिधा और हल्के नीले एवं लौंग पुष्पयुक्त अक्षत हाथ में लेकर होलिका की परिक्रमा करें तथा पश्चिम दिशा (West) में खड़े होकर होलिका में सारी सामग्री डाल दें। होलिका दहन के बाद सिंघाड़े से बने मिष्ठान्न का वितरण करें।
मीन:- इस राशि के जातक होलिका दहन के समय पीपल की समिधा और पीले एवं सफेद पुष्पयुक्त अक्षत लेकर होलिका में परिक्रमा करें और ईशान (North East)अथवा उत्तर दिशा (North)में खड़े होकर होलिका में सारी सामग्री डाल दें। होलिका दहन के समय केले का वितरण करें।

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