हिन्दू जागरण मंच :: नहीं चाहिए हिन्दुओं को ऐसी धर्मनिर्पेक्षता जो हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ कर व हिन्दुओं का खून बहाकर फलती फूलती है । आज इसी वजह से जागरूक हिन्दू इस धर्मनिर्पेक्षता की आड़ में छुपे हिन्दूविरोधियों को पहचान कर अपनी मातृभूमि भारत से इनकी सोच का नामोनिशान मिटाकर इस देश को धर्मनिर्पेक्षता द्वारा दिए गये इन जख्मों से मुक्त करने की कसम उठाने पर मजबूर हैं।
Friday 3 December 2010
श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या (सोमनाथ मन्दिर का निर्माण सरदार पटेल की राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है, यदि प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र बाबू का सोमनाथ मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर उपस्थित रहना उनकी राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है, तो श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति का आन्दोलन भी राष्ट्रभक्ति का ही प्रतीक है। श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन यह किसी मन्दिर को प्राप्त करने की सामान्य लड़ाई नहीं है। कभी भी न बदलने वाली जन्मभूमि को प्राप्त करने का यह संघर्ष है। जन्मभूमि भी एक ऐसे महापुरुष की जिसे कोटि-कोटि हिन्दू भगवान के रूप में पूजता है, मृत्यु के समय भी जिस नाम के उच्चारण की लालसा रखता है। इससे भी अधिक यह संघर्ष विदेशी इस्लामिक आक्रमणकारी के कलंक को मिटाने का संघर्ष है, यह संघर्ष हिन्दू समाज की सांस्कृतिक आजादी की लड़ाई है।)
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