Saturday, 19 March 2011

जंगल की होली

जंगल की होली    
लगा महीना फागुन का होली के दिन आए
इसीलिए वन के राजा ने सभी जीव बुलवाए
भालू आया बड़े ठाठ से शेर रह गया दंग
दुनिया भर के रंग उड़ेले चढ़ा न कोई रंग
हाथी जी की मोटी लंबी पूँछ बनी पिचकारी
खरगोश ने घिघियाकर मारी तब किलकारी
उसका बदला लेने आया वानर हुआ बेहाल
लगा-लगाकर थका बेचारा चौदह किलो गुलाल
मौका ताड़े खड़ी लोमड़ी रंगू गधे को आज
लगा दुलत्ती नो दो ग्यारह हो गए गर्दभराज
घायल हुई लोमड़ी उसको अस्पताल पहुँचाया
गर्दभ को जंगल के जज ने दंडित कर समझाया
होली है त्योहार प्रेम का मौका है अनमोल
भूलो देश खूब रंग खेलो गले मिलो दिल खोल
यहाँ राज है जंगल का सबको न्याय मिलेगा
वरना जग में हमें आदमी फिर बदनाम करेगा।

2 comments:

  1. " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की तरफ से आप को तथा आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामना. यहाँ भी आयें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर अवश्य बने .साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ . हमारा पता है ... www.upkhabar.in

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  2. होली की शुभ कामनाएं .

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