भारत की जनसंख्या एक दशक में 18.1 करोड़ बढ़कर अब 121 करोड़ हो गई है।
वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक देश में प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या पिछले एक दशक में 17.5 प्रतिशत बढ़ कर 325 से 382 हो गई है। जनसंख्या घनत्व के लिहाज से दिल्ली सबसे ऊपर और चंडीगढ़ दूसरे नंबर पर है।
पिछले एक दशक में महिलाओं और पुरुषों के अनुपात में भले ही सुधार हुआ हो मगर छह साल तक की बच्चियों और बच्चों की आबादी का बढ़ता फासला सरकार और समाज दोनों के लिए ही चिंता की बात है। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 साल में महिलाओं की प्रति 1000 पुरुष आबादी 933 से बढ़कर 940 हो गई है। मगर छह साल तक के बच्चों के आंकड़ों में यह अनुपात 927 से घटकर 914 हो गया जो आजादी के बाद सबसे कम है। 2011 की जनगणना में महिलाओं की प्रति 1000 पुरुष आबादी 1971 से सबसे ज्यादा दर्ज की गई है मगर यह 1961 की तुलना में कुछ कम है। कुल 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाओं के अनुपात में इजाफा हुआ मगर जम्मू कश्मीर, बिहार और गुजरात में इसमें 2001 की तुलना में कमी दर्ज की गई। महिलाओं का अनुपात सबसे ज्यादा केरल में 1084 और सबसे कम दमन और दियू में 618 है। दिल्ली देश का सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाला राज्य है और इसमें प्रति वर्ग किलोमीटर 11,297 लोग रहते हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक देश में प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या पिछले एक दशक में 17.5 प्रतिशत बढ़ कर 325 से 382 हो गई है। जनसंख्या घनत्व के लिहाज से दिल्ली सबसे ऊपर और चंडीगढ़ दूसरे नंबर पर है।
जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक देश की साक्षरता बढ़ी है। अब देश की 74 फीसदी आबादी साक्षर है। साक्षर लोगों की संख्या में बीते एक दशक में 38.8 फीसदी और साक्षरता की दर में 9.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। साक्षर पुरुषों की संख्या 44.42 करोड़ और साक्षर महिलाओं की संख्या 33.42 करोड़ है। देश के करीब 32 प्रतिशत पुरुष और 49 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं। गौरतलब है कि इस दशक में महिलाओं की साक्षरता में 11 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है जो पुरुषों से पांच फीसदी ज्यादा है। देश में एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या (लिंग अनुपात) 940 हो गई है। 2001 में लिंग अनुपात 933 का था। लेकिन छह साल तक के बच्चों के लिंग अनुपात में तेज गिरावट आई है। 2001 में यह अनुपात 927 था जो घटकर 914 रह गया है।
अब देश में पुरुषों की संख्या 62.37 करोड़ और महिलाओं की संख्या 58.64 करोड़ है। वर्ष 1991 की गणना में आबादी में 23.87 फीसदी की वृद्धि देखी गई थी। 2001 में 21.54 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार एक दशक में आबादी 17.64 फीसदी बढ़ी है। इस तरह जनसंख्या वृद्धि दर में निरंतर गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। इस सूबे की आबादी 19 करोड़ 90 लाख हो गई है। अगर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के आंकड़ों को मिला दिया जाए तो दोनों राज्यों की कुल आबादी अमेरिका की जनसंख्या से अधिक होगी।
आबादी विस्फोट रोकने और साक्षरता दर बढ़ाने की सरकार की कोशिशों के पिछले एक दशक में बेहतरीन नतीजे सामने आए हैं। इस दौरान देश में जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट और साक्षरों की संख्या में उत्साहवर्द्धक वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई और भारत के महापंजीयक सी चंद्रमौलि ने फरवरी में संपन्न 2011 की जनगणना के आंकड़े बृहस्पतिवार को पेश किए। इसके मुताबिक भारत की जनसंख्या एक दशक में 18.1 करोड़ बढ़कर अब 121 करोड़ हो गई है।
No comments:
Post a Comment