सूचना के अधिकार अधिनियम-2005
लोकतंत्र के पहले तीनों खंभे (कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका)सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के दायरे में आते हैं। इसका मक़सद लोकतंत्र को मज़बूत किया जा सके। इसी मक़सद की मज़बूती की खातिर मेरी ये मांग है कि लोकतंत्र के चौथे खंभे यानी मीडिया को भी सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के दायरे में लाया जाए, ताकि लोकतंत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता को हर स्तर पर लागू किया जा सके।
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