नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी कालक्रम से सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक उड़ीसा में हुआ था. सुभाष को अंग्रेजी सरकार ने 13 जनवरी 1933 को भारत से निष्काषित कर दिया था. यह अतिरंजना है. इस समय सुभाष अपनी चिकित्सा के लिए स्वेच्छा से विदेश गए थे.
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस समग्रता में चित्रित किये गए हैं. विवेकानंद के साहित्य से सुभाष का लगाव प्रभावी रूप में है. सुभाष लगभग 5 वर्ष के थे तब विवेकानंद का देहावसान हुआ था. सुभाष के लिए विवेकानंद गुजरे ज़माने के दार्शनिक नहीं थे बल्कि कीर्तिमान भारतीय थे. विवेकानंद को पढ़कर सुभाष की धार्मिक जिज्ञासा प्रबल हुई. सही गुरु की तलाश में
उन्होंने गृहत्याग भी किया. परिवार वाले रोये और बिलखे. तब परिवार में बच्चों की संख्या अधिक होती थी लेकिन इससे उनकी महत्ता कम नहीं होती थी. सुभाष ने उत्तर भारत की अपनी धर्मयात्रा को आधार बनाते हुए अपनी आत्मकथा 1937 में An Indian Pilgrim के नाम से लिखी. इस तरह की यात्रायें और गोपनीयता, सर्वस्व का त्याग और अबूझ की तलाश सुभाष के जीवन यात्रा की अनिवार्यता बन गयी. देश की स्वतन्त्रता के लिए सुभाष कुछ भी कर सकते थे. यह कुछ भी कर सकना कामयाब हुआ क्योंकि अंग्रेजी सरकार की फ़ौज में बलवे की भावना स्थायी तौर पर घर कर गयी. आज़ाद हिंद फ़ौज के बाद रायल इन्डियन नेवल म्युटिनी ने अंग्रेजी सरकार को कंपा दिया. अब फ़ौज का आखिरी सहारा भी भरोसे का नहीं रहा था. माउन्टबेटन को जल्दबाजी में वायसराय बना कर लाया गया ताकि भारत को आज़ादी दे कर अँगरेज़ यहाँ से प्रतिष्ठापूर्वक निकल सकें. साम्राज्य को सांघातिक चोट पहुचाने का कार्य सुभाष चन्द्र बोस ने किया था
No comments:
Post a Comment