विदेशी गुलामी से क्यों भारत आजाद हो रहा ?यूनियन जैक में गुलामी और तिरंगे में स्वातंत्र्य और स्वाभिमान के दर्शन किए गए। देश में जहां-जहां रानी विक्टोरिया की मूर्तियां स्थापित थीं, उन सबको एक-एक करके हटाया जाने लगा। अयोध्या का तुलसी उद्यान, अमृतसर का विक्टोरिया चौक, दिल्ली में चांदनी चौक का पार्क इसके उदाहरण हैं |
आजादी के तत्काल बाद झण्डा बदला गया, यूनियन जैक के स्थान पर तिरंगा लाया गया अर्थात यूनियन जैक में गुलामी और तिरंगे में स्वातंत्र्य और स्वाभिमान के दर्शन किए गए। देश में जहां-जहां रानी विक्टोरिया की मूर्तियां स्थापित थीं, उन सबको एक-एक करके हटाया जाने लगा। अयोध्या का तुलसी उद्यान, अमृतसर का विक्टोरिया चौक, दिल्ली में चांदनी चौक का पार्क इसके उदाहरण हैं। दिल्ली में इण्डिया गेट के नीचे खड़ी अंग्रेज की मूर्ति हटाई गई। देश में सड़कों और पार्कों के नाम बदले गए, जीटी रोड, महात्मा गांधी मार्ग बन गया। कम्पनी गार्डन को गांधी पार्क कहा जाने लगा। दिल्ली के इर्विन हॉस्पिटल, विलिंग्टन हॉस्पिटल, मिन्टो ब्रिज ये सभी नाम बदल दिए गए। कारण स्पष्ट है कि इन नामों में विदेशी गुलामी की दुर्गन्ध आती थी। गुलामी के प्रतीकों को समाप्त करने की प्रेरणा से प्रेरित होकर प्रथम गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मन्दिर की मुक्ति का संकल्प लिया था, केन्द्रीय मंत्री मण्डल ने प्रस्ताव पारित किया। महात्मा गांधी की सहमति से एक न्यास बना, रातों-रात सोमनाथ मन्दिर के स्थान पर बना ढांचा समुद्र में चला गया। सम्पूर्ण भूखण्ड न्यास को समर्पित हो गया। एक भव्य वहां मन्दिर का निर्माण हुआ। मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के समय प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद बाबूजी स्वयं उपस्थित रहे। उनका भाषण सबके लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मार्गदर्शक है। |
हिन्दू जागरण मंच :: नहीं चाहिए हिन्दुओं को ऐसी धर्मनिर्पेक्षता जो हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ कर व हिन्दुओं का खून बहाकर फलती फूलती है । आज इसी वजह से जागरूक हिन्दू इस धर्मनिर्पेक्षता की आड़ में छुपे हिन्दूविरोधियों को पहचान कर अपनी मातृभूमि भारत से इनकी सोच का नामोनिशान मिटाकर इस देश को धर्मनिर्पेक्षता द्वारा दिए गये इन जख्मों से मुक्त करने की कसम उठाने पर मजबूर हैं।
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